महिला उपवन

पूरे दिन घर की चार दीवारी में रहने के बाद महिलाओं की भी इच्छा होती है कि कुछ पल ऐसी जगह बितायें जायें, जहाँ वो खुली हवा में सांस ले सकें और अब वो सचमुच ऐसा कर पाती है। सुबह के समय यहाँ महिलायें आकर महिला उपवन में योग, प्राणायाम का अभ्यास करती है, तो कुछ को टहलना पसंद हैं। लेकिन वो खुश है कि उन्हें यमुना मिशन ने एक ऐसा उपवन बनाकर दिया जो उनका अपना है। सुबह के वक्त क्यारियों में खिलते ताजे फूलों को अपने बाल गोपाल के श्रृंगार हेतु ले जाती है। वहीं सांझ ढले यहाँ लगे हुए झूलों पर वो भी पैंग बढाकर हर्षित होती है, अब उन्हें सावन के झूलों की प्रतिक्षा नहीं करनी पड़ती अब तो हर दिन सावन और हर दिन हराभरा।

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