हरजी कुण्ड का ये जो दृश्य आप देख रहे हैं, ये सच में अलौकिक है, जिसको यमुना मिशन के प्रयास से इतना सुंदर और रुप दिया गया कि आज दूर-दूर से लोग यहाँ आकर इस दृश्य को देख आनंदित होते हैं।
लेकिन कुछ वर्षों पूर्व यह इस प्रकार का नहीं दिखाई देता था और इसमें स्थानीय स्थलों का गंदा पानी जाता था। अब चूंकि ये लंबे समय तक ढका रहा, तो यह पानी विष के समान बनता गया और इसकी दुर्गन्ध भी लगभग 1 किलोमीटर तक फैलने लगी। इसके बाद यमुना मिशन के द्वारा यहाँ कार्य आरंभ कराया गया। जब इसे 72 फुट तक खोदा गया, तब पहले सीढ़ियाँ निकली, उसके बाद फिर इसको 30 फुट के करीब और खोदा गया, तब यह आयताकार निकला और फिर 22 फुट खुदाई के बाद इसमें सीढियाँ दिखाई दी।
इस खुदाई के बाद अन्दर एक कुँआ भी निकला। इस खुदाई के दौरान एक और चीज महत्वपूर्ण दिखाई दी, वो थी इसके चारो ओर से बहते हुए झरने, जिनका जल इस कुंड में आ रहा था। आज यमुना मिशन ने अपने प्रयास से इसको एक सुंदर रुप दे दिया है। अब यहाँ का मीठा जल जहाँ लोगों की प्यास बुझाता है, वहीं इसके जल से भी स्नान कर लोग आनंदित होते हैं। इसके चारों ओर वृक्षारोपण कर बच्चों के लिये झूले भी लगवाए गए है, जहाँ आकर बच्चे आनंदित होते हैं।