यमुना के घाटों से सिल्ट हटाने का काम यमुना मिशन और नगर निगम के लिए चुनौती बनता जा रहा है। चुनौती को स्वीकारते हुए यमुना मिशन ने दो शिफ्टों में काम करना शुरू कर दिया है। सुबह से शुरू हुआ कार्य शाम को और रात में भी किया जा रहा है।
यमुना के घाटों पर जमी हुई सिल्ट को नगर निगम तथा यमुना मिशन के कर्मचारियों को 25 जून तक पूरा करना है। उनके पास अब सिर्फ पांच दिन रह गए हैं। निगम का अनुमान है कि मानसून 25 जून तक आएगा। तब तक यमुना मिशन को सिल्ट हटानी होगी। इसके लिए मिशन द्वारा दो शिफ्टों में काम किया जा रहा है।
शाम छह बजे बाद मिशन द्वारा सिल्ट हटाने का काम रात दस बजे तक चल रहा है। यमुना मिशन के मुख्य कार्यकर्ता अरुण शर्मा ने बताया कि हम कोशिश कर रहे हैं कि मानसून से पहले सभी घाटों की सिल्ट साफ हो जाए। फिलहाल हमने करीब सात घाटों की सिल्ट को यमुना में ही एक ओर एकत्रित किया है।
सिल्ट अभी यमुना में ही है और इसे निगम द्वारा अपने वृंदावन के कूड़ा ट्रांसफर सेंटर के गड्ढों को भरने के लिए प्रयोग किया जाना है। अभी सिल्ट को सिर्फ यमुना में ही एक ओर एकत्रित किया जा रहा है। इसे सूखने पर इस पर पोकलेन द्वारा यमुना के अंदर तक की गंदगी निकाली जाएगी।
बच्चे सिल्ट से बीन है पैसे बच्चे सिल्ट के आसपास एकत्रित गंदी सिल्ट में हाथ डालकर दान की हुई वस्तुओं को ढूंढने का प्रयास कर रहे हैं। कभी उन्हें इसमें सफलता मिल रही है तो कभी खाली हाथ रह जाता हैं
Source: Amar Ujala
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